स्वतंत्रताओं का महत्व ,मानव अधिकारों का हनन और उसके कारण

 


अधिकारों का महत्व और आवश्यकता

मानव अधिकार और स्वतंत्रता सिर्फ कानूनी दस्तावेज़ में नहीं रहते; उनका प्रभाव व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन पर गहरा होता है।

अधिकारों का महत्व:

जीवन की सुरक्षा – किसी भी व्यक्ति को अन्याय या उत्पीड़न से सुरक्षा।

समानता और न्याय – जाति, धर्म, लिंग या सामाजिक स्थिति से ऊपर उठकर समान अवसर।

व्यक्तिगत स्वतंत्रता – अपने विचार, जीवनशैली और कर्म का चयन।

सामाजिक सहयोग – अधिकारों की समझ समाज में सामंजस्य और सह-अस्तित्व सुनिश्चित करती है।

नवाचार और विकास – शिक्षा और सृजनात्मक स्वतंत्रता मानव को आगे बढ़ने का अवसर देती है।

आवश्यकता:

अधिकार और स्वतंत्रता के बिना समाज में असमानता और अन्याय बढ़ता है।

समाज और राष्ट्र की स्थिरता अधिकारों और स्वतंत्रताओं पर निर्भर करती है।

3. मानव अधिकारों का हनन और उसके कारण

अधिकारों का उल्लंघन (Violation of Rights) तब होता है जब किसी व्यक्ति या समूह की प्राकृतिक या कानूनी स्वतंत्रताओं का सम्मान नहीं किया जाता।

अधिकारों का हनन कैसे होता है:

सामाजिक असमानता – जातिवाद, लिंगभेद, आर्थिक असमानता।

सरकारी और तानाशाही नियंत्रण – जनसत्ता का दमन, अभिव्यक्ति पर प्रतिबंध।

भ्रष्टाचार और कानूनी लापरवाही – न्याय न मिलने से उत्पीड़न।

अत्याचार और हिंसा – शारीरिक या मानसिक उत्पीड़न।

संसाधनों का अतिक्रमण – प्राकृतिक संसाधनों का असमान वितरण।

उदाहरण:

शिक्षा और स्वास्थ्य अधिकारों का हनन गरीबी और भेदभाव के कारण।

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध सरकारी सेंसरशिप या सामाजिक दबाव के कारण।

4. स्वतंत्रताओं का महत्व और प्रकृति से प्राप्त स्वतंत्रताएं

प्रकृति ने मानव और समस्त जीव जगत को अनेक स्वतंत्रताएं प्रदान की हैं, जो जीवन, विकास और समाजिक समरसता के लिए अनिवार्य हैं।

प्राकृतिक स्वतंत्रताएं:

जीवन और अस्तित्व की स्वतंत्रता – सांस लेना, खाना, पानी और आवास।

विकास की स्वतंत्रता – सीखने, सोचने और अनुभव करने की स्वतंत्रता।

सामाजिक स्वतंत्रता – संबंध बनाने, सहयोग करने और सामुदायिक जीवन जीने की स्वतंत्रता।

सृजन और कर्म की स्वतंत्रता – कला, विज्ञान, व्यवसाय और रचनात्मक कार्य।

समान अवसर और संसाधनों तक पहुंच – सभी के लिए न्यायसंगत संसाधन।

लोकतांत्रिक देशों में नागरिक स्वतंत्रताएं:

धर्म, भाषा और संस्कृति की स्वतंत्रता

राजनीतिक भागीदारी और मतदान का अधिकार

अभिव्यक्ति और मीडिया की स्वतंत्रता

शिक्षा और रोजगार का अधिकार

स्वतंत्रताओं का महत्व:

व्यक्तिगत आत्मसम्मान और गरिमा।

समाज में न्याय और समानता।

नवाचार, सृजन और सामाजिक विकास।

स्वतंत्रताओं पर प्रतिबंध कैसे लगता है:

सरकारी नीतियों और कानूनों द्वारा।

सामाजिक रूढ़िवाद और परंपराओं के कारण।

आर्थिक और राजनीतिक शक्ति के दुरुपयोग से।

“यह अंश हमारी पुस्तक सर्व साम्य अद्वैत प्रकृति चेतनवाद दर्शन — भाग 1 : नव सवित तत्व प्रकृतिवाद से लिया गया है। इस पुस्तक का उद्देश्य प्रकृति की सर्वोच्च सत्ता की स्थापना करके विश्व में शांति स्थापित करना है, ताकि धरती पर रहने वाले सभी जीवों के जीवन में शांति बनी रहे, मनुष्य के जीवन में भी संतुलन और सौहार्द रहे, तथा सभी मनुष्य आपस में मिल-जुलकर अपने विकास का मार्ग प्रशस्त कर सकें। हमारी प्रकृति से प्रार्थना है कि धरती पर स्थित प्रत्येक जीव सुखी रहे, स्वस्थ रहे।” आप भी चाहते हैं विश्व में शांति तो हमसे संपर्क करें।

जीमेल-: cosmicadvaiticconsciousism@gmail.com


एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने