जल और वायु प्रदूषण आज मानव जीवन के लिए गंभीर खतरा बन चुके हैं। वैश्विक स्तर पर उद्योगों, कृषि, शहरीकरण और ट्रांसपोर्ट के कारण वायु और जल का प्राकृतिक संतुलन बिगड़ा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), IQAir, World Bank और Lancet जैसे प्रमुख संस्थान लगातार चेतावनी दे रहे हैं कि यदि नीतियाँ सख्ती से लागू नहीं हुईं और नागरिक सतर्क नहीं हुए, तो आने वाली पीढ़ियाँ स्वच्छ हवा और जल के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकेंगी। इसलिए, यह आवश्यक है कि हम वैश्विक स्तर पर प्रभावी नीतियाँ अपनाएँ और व्यक्तिगत स्तर पर जीवनशैली में बदलाव करें।
वैश्विक स्तर पर नीतियाँ
1. वायु गुणवत्ता नियंत्रण
WHO और IQAir की रिपोर्टों के अनुसार PM2.5 और PM10 जैसे पार्टिकुलेट मैटर के स्तर को कम करना प्राथमिकता होनी चाहिए। शहरों में वायु गुणवत्ता निगरानी नेटवर्क स्थापित करना और उत्सर्जन मानकों को कड़ा करना आवश्यक है।
2. स्वच्छ ऊर्जा अपनाना
World Bank की रिपोर्ट "Cleaner Air is Within Reach by 2040" बताती है कि जीवाश्म ईंधन की जगह सौर, पवन और हाइड्रो ऊर्जा अपनाने से वायु प्रदूषण में तेजी से कमी आ सकती है।
3. उद्योगों में नियंत्रण
प्रत्येक उद्योग को कचरा, धुआँ और अपशिष्ट जल नियंत्रित करने के लिए पर्यावरणीय मानकों का पालन करना अनिवार्य होना चाहिए।
4. जल संरक्षण नीतियाँ
UN Water Development Report के अनुसार, जल स्रोतों का सतत उपयोग, वर्षा जल संचयन और अपशिष्ट जल उपचार अनिवार्य है।
5. सार्वजनिक परिवहन और ई-मोबिलिटी
वाहनों से निकलने वाले धुएँ को कम करने के लिए सार्वजनिक परिवहन, इलेक्ट्रिक वाहन और साइकिल/पैदल चलने को बढ़ावा देना चाहिए।
6. ठोस कचरा प्रबंधन
कचरा और प्लास्टिक अपशिष्ट को रिसाइक्लिंग और पुनः उपयोग के माध्यम से नियंत्रित करना आवश्यक है।
7. कृषि और रसायनों का नियंत्रित उपयोग
कीटनाशक और रासायनिक उर्वरक का सीमित उपयोग, जैविक खेती और सतत कृषि तकनीक अपनाना चाहिए।
8. पारिस्थितिकी तंत्र संरक्षण
वन, नदियाँ, तालाब और भूमि संरचना को बचाना, जैव विविधता बनाए रखना और प्राकृतिक जल चक्र को बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
9. अंतरराष्ट्रीय सहयोग
सीमापार जल और वायु प्रदूषण को साझा संसाधन मानकर देशों के बीच सहयोग और नीतियाँ बनानी चाहिए।
10. डेटा और पारदर्शिता
वायु और जल गुणवत्ता के आंकड़े सार्वजनिक हों और नियमित रिपोर्टिंग हो।
व्यक्तिगत जीवन में अपनाए जाने वाले उपाय
11. दिखावा न करें
सिर्फ आवश्यकता के अनुसार ही वस्तुएँ लें; दिखावे या शौक के लिए अनावश्यक वस्तुएँ न खरीदें।
12. आवश्यकता अनुसार ही उपयोग करें
चीजों का उपभोग जरूरत के अनुसार करें। जितना आवश्यक हो, उतना ही लें।
13. इकट्ठा करके न रखें
वस्तुओं का संग्रह न करें; आवश्यकतानुसार ही खरीदें और उपयोग करें।
14. पर्यावरणीय महत्व जांचें
कोई भी वस्तु लेने से पहले उसका पर्यावरण पर क्या प्रभाव होगा यह जांचें।
15. स्वास्थ्य लाभ पर विचार करें
जाने कि वह वस्तु आपके शरीर के लिए कितनी लाभकारी है और कोई बीमारी तो नहीं करेगी।
16. दूसरों के स्वास्थ्य का ध्यान रखें
अपने आसपास के लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति संवेदनशील रहें।
17. जल बचत करें
नल बंद रखें, वर्षा जल संचयन करें और पानी व्यर्थ न बहाएं।
18. ऊर्जा की बचत
बिजली और ईंधन का कम से कम उपयोग करें; ऊर्जा कुशल उपकरण अपनाएँ।
19. सार्वजनिक परिवहन और साइकिल/पैदल चलना
निजी वाहन कम इस्तेमाल करें और साझा परिवहन को प्राथमिकता दें।
20. वृक्षारोपण करें
पेड़ लगाएँ, पौधारोपण में योगदान दें और हरित क्षेत्र बनाए रखें।
21. कचरा प्रबंधन
कचरे को रिसाइक्लिंग करें और अपशिष्ट को सही तरीके से निस्तारित करें।
22. पुन: उपयोग और पुनर्चक्रण
प्लास्टिक और अन्य उपयोग की चीजों को दोबारा उपयोग करें।
23. स्थानीय और सस्ता उपयोग करें
दूरस्थ स्थानों से आने वाले महंगे उत्पादों के बजाय स्थानीय और आसानी से उपलब्ध वस्तुओं का उपयोग करें।
24. प्राकृतिक संसाधनों का सम्मान
प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग सोच-समझकर करें; जितना लेना है उतना ही लें।
25. स्वच्छता बनाए रखें
अपने घर और आस-पास की जगह साफ-सुथरी रखें।
26. सामूहिक प्रयासों में भाग लें
समुदाय में वृक्षारोपण, सफाई अभियान और जल संरक्षण कार्यक्रम में हिस्सा लें।
27. खाद्य और वस्त्र उपभोग पर नियंत्रण
अत्यधिक मांसाहार या फैशन वस्त्रों के कारण ऊर्जा और संसाधन की बचत करें।
28. जागरूकता फैलाएँ
परिवार, मित्र और समाज में प्रदूषण और संरक्षण के महत्व को बताएँ।
29. सतत जीवनशैली अपनाएँ
कम संसाधन खपत और अधिक स्थायी विकल्प अपनाएँ।
30. मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें
स्वस्थ जीवनशैली अपनाएँ, नियमित व्यायाम करें और प्रदूषण से बचाव के उपाय अपनाएँ।
वैश्विक रिपोर्टों का सार
WHO: वायु प्रदूषण लाखों मौतों का कारण, PM2.5 का स्तर कम करना आवश्यक।
IQAir: विश्व के केवल 17% शहर WHO मानकों पर खरे, औद्योगिक और वाहन उत्सर्जन मुख्य कारण।
World Bank: स्वच्छ ऊर्जा और अपशिष्ट प्रबंधन से 2040 तक वायु प्रदूषण आधा किया जा सकता है।
UN Water Development Report: सतत जल प्रबंधन, वर्षा जल संचयन और अपशिष्ट जल शोधन जरूरी।
Lancet Countdown: वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डालते हैं।
प्रेरक संदेश
आज यदि हम अपनी जीवनशैली में जागरूकता लाएँ — दिखावे से बचें, आवश्यकता अनुसार ही उपभोग करें, जल और ऊर्जा बचाएँ, प्राकृतिक संसाधनों का सम्मान करें — और वैश्विक नीतियाँ प्रभावी हों — तो हम न केवल अपने लिए बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ जल और वायु सुनिश्चित कर सकते हैं।
“प्रकृति हमारी जीवनधारा है; जितना लेना है उतना ही लें, जितना देना है वह दें; ताकि हमारी अगली पीढ़ियाँ भी स्वच्छ हवा में साँस लें और शुद्ध जल पी सकें। हमें अपने कर्तव्यों का पालन करना होगा और प्रकृति के साथ संतुलन बनाना होगा।”
“यह अंश हमारी पुस्तक सर्व साम्य अद्वैत प्रकृति चेतनवाद दर्शन — भाग 1 : नव सवित तत्व प्रकृतिवाद से लिया गया है। इस पुस्तक का उद्देश्य प्रकृति की सर्वोच्च सत्ता की स्थापना करके विश्व में शांति स्थापित करना है, ताकि धरती पर रहने वाले सभी जीवों के जीवन में शांति बनी रहे, मनुष्य के जीवन में भी संतुलन और सौहार्द रहे, तथा सभी मनुष्य आपस में मिल-जुलकर अपने विकास का मार्ग प्रशस्त कर सकें। हमारी प्रकृति से प्रार्थना है कि धरती पर स्थित प्रत्येक जीव सुखी रहे, स्वस्थ रहे।” आप भी चाहते हैं विश्व में शांति तो हमसे संपर्क करें।
जीमेल-: cosmicadvaiticconsciousism@gmail.com
